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मंगलवार, 10 नवंबर 2020

पञ्चतत्व उत्तम वैदिक धूनी

 पञ्चतत्व उत्तम वैदिक धूनी

गुग्गुल, चन्दन, लोबान अगर-तगर,छरीला, जटामांसी आदि 21 जड़ी बूटियों का उत्तम अनुपातिक मिश्रण।

हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष आदि के शमन हेतु।

For mitigation of all types of negative energy and Vastu dosha etc.

प्रयोग विधि:-1-एक चुटकी धूनी को साधारणतया धूपबत्ती में मिलाकर या धूपबत्ती के ऊपर रखकर जलाएं

2-घर /कार्यालय/कारखाने में किसी पात्र में कोयला या गाय के गोबर से बना उपला या कण्डा जलाकर उसमे पाँच चुटकी धूनी की छोड़े, और उसका धुंआ सारे परिसर में फैलने दें।

3-यदि कोयला या उपला जलाना सम्भव न हो तो इलेक्ट्रिक धूपदानी का प्रयोग करें।

4-सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नियमित पाँच आहुतियाँ देना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है।

5-अक्सर देखा गया है कि सामान्य व्यक्ति पर दोनों पक्षों की त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या व पूर्णिमा तिथियों को मनः स्थिति असमान्य हो जाती है।यदि उनके जन्म पत्रिका में चन्द्रमा पीड़ित/कमजोर/राहु आदि ग्रहों से युक्त हो तो यह और अधिक प्रभावित करता है।ऐसे लोगों के लिए यह खास तैयार किया गया एक योग है।उन्हें इसका निरंतर प्रयोग करना चाहिए।

लाभ:- इससे नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकल जाती है।

घर में बरकत (समृद्धि) आती है तथा पैसों की कमी नहीं रहती है।

नजर, व्यापार बन्ध आदि दोषों से छुटकारा मिलता है।

ग्रह नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।

मन को शांति और प्रसन्नता प्राप्त होती है साथ ही मानसिक तनाव और थकावट दूर होती है।

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